था एक अनजान जब हुई मुलाकात
दिल से मिले दिल और हाथों से हाथ \
लगा तू अपना सा जब हुई बात
ऐ दोस्त तू बना मेरी ज़िन्दगी का साथ \\
खुशियाँ बाटी मेरी और सुख भी मेरे
गम भी मेरे गले लगाये जैसे हों वो तेरे \
बना तू मेरा उज्जियारा जब छायी घनी रात
ऐ दोस्त तू बना मेरी ज़िन्दगी का साथ \\
बना वो ही मैं जो ज़िन्दगी ने मुझे बनाया
पर हर पल जीना तो तुने ही है सिखाया \
हुई जो गुम मुस्कान मेरी तू ढून्ढ के लाया
ऐ दोस्त मैं हूँ जिस्म और तू है मेरा साया \\
25-July-2011
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