Saturday, August 20, 2016

ऐ दोस्त !!!

था एक अनजान जब हुई मुलाकात 
दिल से मिले दिल और हाथों से हाथ \
लगा तू अपना सा जब हुई बात 
ऐ दोस्त तू बना मेरी ज़िन्दगी का साथ \\  

खुशियाँ बाटी मेरी और सुख भी मेरे 
गम भी मेरे गले लगाये  जैसे हों वो तेरे \
बना तू मेरा उज्जियारा  जब छायी घनी रात 
ऐ दोस्त तू बना मेरी ज़िन्दगी का साथ \\  

बना वो ही मैं जो ज़िन्दगी ने  मुझे बनाया 
पर हर पल जीना तो तुने ही है सिखाया \
हुई जो गुम मुस्कान मेरी  तू ढून्ढ के लाया 
ऐ दोस्त मैं हूँ जिस्म और तू है मेरा साया \\  

25-July-2011

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